हम औरतें तुम्हें जन्म देने से इंकार कर दे अपनी कोख का ही बहिष्कार कर दें ....! हम औरतें तुम्हें जन्म देने से इंकार कर दे अपनी कोख का ही बहिष्कार कर दें ......
तो हमे ही अस्मिताहींन और अस्तित्वहीन करने वाले, तुम होते कौन हो हमे रोकने वाले ? तो हमे ही अस्मिताहींन और अस्तित्वहीन करने वाले, तुम होते कौन हो हमे रोकने वाल...
महिला का सम्मान करो, महिला की इज्जत तुम करो! महिला का सम्मान करो, महिला की इज्जत तुम करो!
महिला का कर्जा और दर्जा कोई नहीं ले सकता। महिला का कर्जा और दर्जा कोई नहीं ले सकता।
खिलते फूलों की तरह होती है महिला, अंधेरे में भी तारों जैसे चमकती है महिला! खिलते फूलों की तरह होती है महिला, अंधेरे में भी तारों जैसे चमकती है महिला!
जलाकर सपनों को यूँ ही क्या अस्तित्व उसका अब मिटा दोगे ? जलाकर सपनों को यूँ ही क्या अस्तित्व उसका अब मिटा दोगे ?